नव वर्ष
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ,
प्रारम्भ हमारा नव वर्ष ।
हम भारतीय गर्वित होते ,
प्रकृति स्वयं खिलती सहर्ष ।।
जब टेशू महके हर दिशा ,
गगन स्वच्छ हो और निशा ।
शीतल मन्द पवन झूमे ,
खेतों में धान्य शिखर चूमे ।।
दिनकर की शुभ किरणों से ,
व्याप्त रहे चहुं ओर हर्ष ।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ,
प्रारम्भ हमारा नव वर्ष ।।
हम अपनी संस्कृति न भूलें ,
पाश्चात्य प्रथा में न फूलें ।
जब भूमि धारती नया वेश ,
सज उठता है भारत स्वदेश ।।
झरनों सर सरिताओं में तब ,
दर्शित होता है नवोत्कर्ष ।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ,
प्रारम्भ हमारा नव वर्ष ।।
✍️ सतीश शर्मा ।