नव वर्ष हमारे आए हैं
नव वर्ष हमारे आए हैं
आम टिकोरे पल्लव अब द्वार सजाने आए हैं
आर्यावर्त के बाखर में नव गीत सुनाने आए हैं
खुशियों की शहनाई वादक, मन्त्र उच्चारण भाए हैं
चैत प्रति पदा शुक्ल पक्ष नव वर्ष हमारे आए हैं
पतझड़ बीते नए कोपले तरु टहनी पर आए हैं
खेत और खलिहानों का रंग सुनहरे छाए हैं
उत्सुकता से उमड़ रहीं प्रकृति की अभिलाषाएं हैं
चैत प्रति पदा शुक्ल पक्ष नव वर्ष हमारे आए हैं
गृह गृह हर्षित होकर कलश स्थापित करते हैं
माता के आगमन हेतु नव दीप प्रज्वलित करते हैं
अन्न पूर्णा लक्ष्मी माता द्रव्य भंडारण करने आएं हैं
चैत प्रति पदा शुक्ल पक्ष नव वर्ष हमारे आए हैं