Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jan 2022 · 2 min read

*”नव वर्ष नई आशाएं”*

नव वर्ष नई आशाएं
बीते हुए साल में वैश्विक कोरोना महामारी बीमारी से जूझते रहे और कठिन परिस्थितियों के बाबजूद भी सभी लोग हार नही मानी हर स्थितियों का सामना करते हुए हौसला अफजाई बढाते रहे है।
अब आने वाले नव वर्ष के आगमन पर हम सभी नई आशाओं के साथ संकल्प लेते हैं कुछ अनसुलझे सवाल खड़े हुए हैं जिसका हल निकालने के लिए सतत प्रयास करना होगा ताकि जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर कर नई आशाओं के साथ उम्मीद का दीप जलाना है।
आने वाले नव वर्ष में सारे बिगड़े काम मे सुधार आवश्यक है इसके लिए हम सभी को मिलकर कदम उठाना होगा।
जीवन यात्रा के सफर तय करने में कुछ नई पीढ़ी को सभी व्यक्तियों को जितने वर्ष की आयु वर्ग के हो उतने मिनट ही प्रभु की ध्यान साधना में लीन होकर चुपचाप बैठे रहना है।
अपनी आयु सीमा के अनुसार ही उतने मिनट एक आसन पर आंखे बंद कर मौन धारण कर बैठ जाना है अगर अंतर्मन में कुछ विचार चल रहे हो उसे भी चलने दें हो सके तो कोई भी मंत्र जप का उच्चारण कर एक दूसरे से कुछ दूरी पर बैठ जायें।
अपनी चेतन मन में कोई दृढ संकल्प लें उससे नई दिशा ऊर्जा शक्ति मिलेगी ।
ऐसा करने से स्वयं को अनुभव होगा और नई ऊर्जा शक्ति के साथ आसपास का वातावरण भी सकारात्मक परिणाम देगा।
नव वर्ष में नई आशाओं के साथ एक दूसरे के साथ संकल्प भी ले ताकि आने वाला नया साल अत्यधिक महत्वपूर्ण हो।
जीवन मे नए साल आने से उत्साहित होने के बजाय खुद को बदलना ही नए साल का अद्भुत क्षमता शक्ति से भरपूर आनंद देगा।
साल तो बदलते ही रहेंगे अब हम सभी को अपने आपको बदलना होगा।
शशिकला व्यास ✍️

Language: Hindi
Tag: लेख
5 Likes · 4 Comments · 378 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
পছন্দের ঘাটশিলা স্টেশন
পছন্দের ঘাটশিলা স্টেশন
Arghyadeep Chakraborty
"हाथों की लकीरें"
Dr. Kishan tandon kranti
कभी आ
कभी आ
हिमांशु Kulshrestha
सांसें स्याही, धड़कनें कलम की साज बन गई,
सांसें स्याही, धड़कनें कलम की साज बन गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" न्यारा पूनिया परिवार "
Dr Meenu Poonia
"" *श्रीमद्भगवद्गीता* ""
सुनीलानंद महंत
ज़िंदगी की कँटीली राहों पर....
ज़िंदगी की कँटीली राहों पर....
Shweta Soni
2963.*पूर्णिका*
2963.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कल तलक
कल तलक
Santosh Shrivastava
हर दर्द से था वाकिफ हर रोज़ मर रहा हूं ।
हर दर्द से था वाकिफ हर रोज़ मर रहा हूं ।
Phool gufran
वीर जवान
वीर जवान
Shriyansh Gupta
राम आधार हैं
राम आधार हैं
Mamta Rani
मोहब्बत की आख़िरी हद, न कोई जान पाया,
मोहब्बत की आख़िरी हद, न कोई जान पाया,
Rituraj shivem verma
एक टऽ खरहा एक टऽ मूस
एक टऽ खरहा एक टऽ मूस
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ सब कहते हैं।
बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ सब कहते हैं।
राज वीर शर्मा
झुर्रियों तक इश्क़
झुर्रियों तक इश्क़
Surinder blackpen
दर्द अपना
दर्द अपना
Dr fauzia Naseem shad
वसन्त का स्वागत है vasant kaa swagat hai
वसन्त का स्वागत है vasant kaa swagat hai
Mohan Pandey
छोटी सी बात
छोटी सी बात
Shashi Mahajan
कितना मुश्किल है केवल जीना ही ..
कितना मुश्किल है केवल जीना ही ..
Vivek Mishra
बरगद और बुजुर्ग
बरगद और बुजुर्ग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मैं अपने दिल की रानी हूँ
मैं अपने दिल की रानी हूँ
Dr Archana Gupta
नदियां बहती जा रही थी
नदियां बहती जा रही थी
Indu Singh
धिक्कार
धिक्कार
Dr. Mulla Adam Ali
आग़ाज़
आग़ाज़
Shyam Sundar Subramanian
कातिल है अंधेरा
कातिल है अंधेरा
Kshma Urmila
जिस सादगी से तुमने साथ निभाया
जिस सादगी से तुमने साथ निभाया
Sonam Puneet Dubey
"शौर्य"
Lohit Tamta
भीगी बाला से हुआ,
भीगी बाला से हुआ,
sushil sarna
*आर्य समाज और थियोसॉफिकल सोसायटी की सहयात्रा*
*आर्य समाज और थियोसॉफिकल सोसायटी की सहयात्रा*
Ravi Prakash
Loading...