नववर्ष मंगलमय हो
नया साल फिर आ गया, मन में जागी आस
दर्द कहेंगे अलविदा, खुशियाँ होंगी पास
नये साल की दे रहे, सभी मुबारकबाद
सबका ही जीवन रहे, खुशियों से आबाद
इधर धूम नववर्ष की ,मची हुई चहुँ ओर
उधर मच रहा जोर से, कोरोना का शोर
साल पुराना दे गया, खट्टी मीठी याद
और यही नववर्ष की, मंज़िल की बुनियाद
हैप्पी न्यू ईयर कहें, करें पार्टी जश्न
मगर हमारी सभ्यता, पूछ रही है प्रश्न
नये साल के साथ ही, जाग रही उम्मीद
सच होकर हो जाएगी, कुछ सपनों की ईद
जो आया वो जाएगा, यही जगत की रीत
भूल विगत को गाएगा, नये नये के गीत
डॉ अर्चना गुप्ता