नवरात्रि में संकल्प?
मातारानी का स्वागत ,करते हैं मन के आंगन में
आशीर्वाद मिले ऐसा,दुर्गुण से दूर रहें जीवन में
कृपा आपकी पाने को सहृदय आस्था रखते है,
नवरात्रि आगमन पर सादर,अभिनंदन है घर आंगन मे।
पमहले दिन हम घृणा त्याग दें,सबसे मिलकर रहना है
दूसरे दिन हम झूठ त्याग दें,बस सत्य बचन ही कहना है
सत्य और प्रिय बोलकर ही करेंगें निःस्वार्थ सेवा
तीसरे दिन संकल्प लेते,हमें हिंसा अब नही करना है।
चौथे दिन हम नशा त्याग दें, रहे व्यसन ना जीवन में,
पंचवे दिन हम स्वार्थ त्याग दें,परमार्थ रहे बस जीवन में
लोगों को जोडें स्वयं से,स्वयं जुडे रहें लोगों से
छठवें दिन अभिमान त्याग दें,ना हो संसय कोई मन में।
सतवें दिन हम छोड बुराई,सतपथ को अपनाएगें,
अठवें दिन क्रोध त्याग कर,दया भाव दिखलाएगें
दानपुण्य के भाव जगाकर,चोरी छोड मेहनत अपनाकर
नवें दिन पूरी निष्ठा से, मन मंदिर भी सजाएगे।
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