नवरात्रि – गीत
जय जय मांँ मन भावों से कहते हैं।
जीवन ज्योति परिवार में जगाते हैं।
सच और हकीकत को हम सभी जानते हैं।
जिंदगी और जीवन की सांसों का रैन बसेरा हैं।
हम सभी जय माता दी कहते हैं।
नवदुर्गा नौ रूपों में हम सभी पूजते हैं।
दुर्गा शक्ति और एक रुप में हम मानते हैं।
हम सभी भक्तों की भक्ति बतातीं हैं।
तप और तपस्या का मर्म होता हैं।
संसारिक मोह-माया का नाम हैं।
सच तो श्मशान विचारणीय रहता हैं।
बस हम सभी मानवता के रंगमंच पर किरदार निभाते हैं। सच और झूठ फरेब हम निभाते हैं।
जय जय मांँ हम सभी कहते हैं।
आओ मांँ के नवरात्रे हम मनाते हैं।
सच और ध्यान की ज्योति जगाते हैं।
नवरात्रि का धर्म हम सभी निभाते हैं।
जय जय मांँ हम सभी कहते हैं।
नवरात्रि पर्व हम सभी मनाते हैं।
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र