नवदुर्गा की स्तुति
ॐ जय शैलपुत्री माता, मैया जय शैलपुत्री माता।
मैया जी को निशदिन ध्याता,वो नर यश निश्चय पाता।।
ॐ जय ब्रह्मचारिणी माता, मैया जय चन्द्रघण्टा माता।।
जो नर तुमको ध्याता, है वो सर्वसिद्धि पाता।
कुष्माण्डा माता को जो भजता, सुख समृद्धि पाता।।
माँ स्कंदमाता की कृपा, है जो नर पाता ।जन्म-मरण से मुक्त होकर, मोक्ष वो पाता।।
माँ कात्यायनी जी की स्तुति, जो कोई नर गाता।
शोक संताप से वो मुक्त होकर, अन्त परम पद वो पाता।।
कालरात्रि नाम लेकर, माँ का ध्यान है जो करता।
भयमुक्त वो है होता, शत्रु मुक्त है वो होता।।
महागौरी माँ की कृपा, अलौकिक सिद्धि है देती।
सिद्धिदात्री माता का ध्यान जो करता, सकल सिद्धि है वो पाता।
माँ के इन नौ रूपों का जो नर ध्यान है करता।
कील, कवच, अर्गला, कुञ्जिका मन से पढ़ता।।
माँ की परम कृपा है वो पाता, अन्त माँ में ही वो
मिलता।।