नर सेवा
नर सेवा तू कर ले रे पगले
प्रभु सेवा तू बाद में करना
नर को खुश तू कर ले
नर सेवा तू कर ले रे पगले -२
जाप करन की नहीं जरुरत
ना ही मनन और ध्यान – २
ह्रदय वृक्ष की छाया में तू
राही को शीतल कर ले
नर सेवा तू कर ले रे पगले – २
मनका मोती छोड़ रे पगले
छोड़ भगत का चोला – २
एक अभागा शोक में उलझा
करुणा सुधा बरसा ले
नर सेवा तू कर ले रे पगले – २
वह लाला है, वह बनिया है
आज हमारी यह दुनिया है – २
धन लुटाता प्रभु भजन में
प्रेम कलश को लुटा ले
नर सेवा तू कर ले रे पगले – २
कशी मथुरा और वृन्दावन
कहाँ कहाँ नहीं पूजा – २
एक व्याधि में पड़ा हुआ है
उसकी सेवा कर ले
नर सेवा तू कर ले रे पगले – २
दुखियों की तू मदद करेगा
प्रभु के निकट तू आएगा – २
जनम कृतारथ हो जायेगा
स्नेह का अर्पण कर ले
नर सेवा तू कर ले रे पगले – २
प्रभु सेवा तू बाद में करना
नर को खुश तू कर ले
नर सेवा तू कर ले रे पगले – २