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19 Jan 2017 · 1 min read

नर-नारी

नारी नर जब मिल चलें, जीवन वाहन रूप I
सब राह मिल पार करें, कठिन हो या कुरूप II
कठिन हो या कुरूप, अब राह से क्या डरना I
हौसलों का जीवन, इक दिन सभी को मरना II
कहें विजय कविराय, जिंदगी होती प्यारी I
जग में नर के साथ, जब मिलकर चलें नारी II

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