नर्मदा की कृपा (घनाक्षरी छंद)
नर्मदा की कृपा
घनाक्षरी छंद
हमारे ही सामने ये,मामूली से आदमी थे,
आज चारो ओर फिरे ,नाम की दुहाई है ।
नर्मदा की सेवा भक्ति भाव से मिला है सब,
नर्मदा माँ इन्हें हर तरह सहाई है ।
ऋद्धि सिद्धि समृध्दि और भारी प्रसिद्धि,
ममता के साथ पूरी, माँ ने पहुँचाई है।
कहाँ तक नर्मदा की कृपा का बखान करें,
डेढ़ दो करोड़ की तो,रेत सपलाई है ।
गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश