Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Nov 2018 · 1 min read

नरकचतुर्दशी यही,….. … देती है सन्देश।

नरकचतुर्दशी यही,….. … देती है सन्देश।
रखिए साफ शरीर को, अपने सदा रमेश !।

दुःख विफलता मुश्किलें, रहे हमेशा दूर !
माता लक्ष्मी अर्ज ये,.. . कर लेना मंजूर !!

तन पर उबटन मल रही, वह अलबेली नार !
चतुर्दशी यह रूप की , …..करवाती श्रृंगार !!
रमेश शर्मा

Language: Hindi
3 Likes · 270 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुंडलिया छंद *
कुंडलिया छंद *
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
"कुछ रिश्ते"
Dr. Kishan tandon kranti
मुश्किलों पास आओ
मुश्किलों पास आओ
Dr. Meenakshi Sharma
कमियाॅं अपनों में नहीं
कमियाॅं अपनों में नहीं
Harminder Kaur
"यादों के झरोखे से"..
पंकज कुमार कर्ण
दिनांक:- २४/५/२०२३
दिनांक:- २४/५/२०२३
संजीव शुक्ल 'सचिन'
कल तलक
कल तलक
Santosh Shrivastava
है कहीं धूप तो  फिर  कही  छांव  है
है कहीं धूप तो फिर कही छांव है
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
वाह ग़ालिब तेरे इश्क के फतवे भी कमाल है
वाह ग़ालिब तेरे इश्क के फतवे भी कमाल है
Vishal babu (vishu)
बता ये दर्द
बता ये दर्द
विजय कुमार नामदेव
क्रेडिट कार्ड
क्रेडिट कार्ड
Sandeep Pande
बिगड़ता यहां परिवार देखिए........
बिगड़ता यहां परिवार देखिए........
SATPAL CHAUHAN
पुराना कुछ भूलने के लिए,
पुराना कुछ भूलने के लिए,
पूर्वार्थ
दो जून की रोटी
दो जून की रोटी
Ram Krishan Rastogi
जीवन में ऐश्वर्य के,
जीवन में ऐश्वर्य के,
sushil sarna
सिर की सफेदी
सिर की सफेदी
Khajan Singh Nain
सीख
सीख
Ashwani Kumar Jaiswal
Noone cares about your feelings...
Noone cares about your feelings...
Suryash Gupta
गुरु और गुरू में अंतर
गुरु और गुरू में अंतर
Subhash Singhai
मैं स्वयं को भूल गया हूं
मैं स्वयं को भूल गया हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
■ स्वचलित नहीं, रोबोट पर निर्भर रोबोट।
■ स्वचलित नहीं, रोबोट पर निर्भर रोबोट।
*Author प्रणय प्रभात*
खुश-आमदीद आपका, वल्लाह हुई दीद
खुश-आमदीद आपका, वल्लाह हुई दीद
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आदिपुरुष फ़िल्म
आदिपुरुष फ़िल्म
Dr Archana Gupta
बिल्ली मौसी (बाल कविता)
बिल्ली मौसी (बाल कविता)
नाथ सोनांचली
मोल नहीं होता है देखो, सुन्दर सपनों का कोई।
मोल नहीं होता है देखो, सुन्दर सपनों का कोई।
surenderpal vaidya
यादों के झरोखों से...
यादों के झरोखों से...
मनोज कर्ण
*डॉ. विश्व अवतार जैमिनी की बाल कविताओं का सौंदर्य*
*डॉ. विश्व अवतार जैमिनी की बाल कविताओं का सौंदर्य*
Ravi Prakash
*ना जाने कब अब उनसे कुर्बत होगी*
*ना जाने कब अब उनसे कुर्बत होगी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आजादी विचारों से होनी चाहिये
आजादी विचारों से होनी चाहिये
Radhakishan R. Mundhra
Loading...