नयी दिशाएँ , नई राहें – आनंदश्री
नई दिशाएँ, नई राहें – आनंदश्री
– तूफान और रास्ता, अवसर और चुनौती
– यह वक्त आत्ममंथन का है
भले ही देश एक आर्थिक संकट से गुजर रहा है। एक भारतीय “अवसर और चुनौती” के मझधार में है। दोनों में से चुनना क्या है ? यह हमारा दृष्टिकोण निर्णय लेता है।
-आप आपका दृष्टिकोण हो।
एक बात जो सामने आयी है वह यह है कि इंसान अपने दृष्टिकोण से जाना जाता है। उसका दृष्टिकोण कैसा है। यही उसके व्यक्तित्व को बताता है। अपने दृष्टिकोण को देखते रहे। आप दृष्टिकोण हो।
– राहें बदल रही है।
नई राहें तैयार हो रही है। नए अवसर आपके सामने है। बस. अपने विश्वास और नए मानसिकता को अपना कर नए राह के पथिक बन सकते हो।
– तूफान में ही रास्ता है
तूफान हर बार तहस नहस करने नही आता। कई बार वह तहस नहस से रास्ता बनाने और बताने भी आता है। वास्को डी गामा के तूफान ने उसे भारत की ख़ोज कराई। तूफान ने ही कई अविष्कार कराए। तूफान ने ही भगवान के दर्शन कराए। तूफान जरुरी है।
– दिशाएँ बादली जा सकती है
यह पहली बार कोई संकट दौर नही था। इसके पहले भी कई मुसीबतों का सामना किया जा चुका है। भारत ने कोरोना के साथ सभी मुसीबतों को समय समय पर उत्तर दिया। औए हर उत्तर में वह उभर कर निकला।
– भविष्य संभावनाओं से भरा है
भविष्य को आशावादीता के साथ देखे। आप सचमुच में नई राह बनाकर नया जीवन जी सकते है। यह दौर जो गुजर गया उसे सीख कर कुछ नया करने का है।
यह दौर नई राह, नई दिशा , नया विश्वास और नया जीवन जीने का है।
– आनंदश्री
आध्यात्मिक व्याख्याता एवं माइन्डसेट गुरु