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8 Jan 2022 · 1 min read

नया वर्ष नया हर्ष,खुशियों का नवदर्श|

नव वर्ष नव हर्ष, खुशियों का नव दर्श,
नव नव जीवन का, नव गीत गाइये।

रोग शोक बीते अब,नोंकझोक कीजे जब,
रीझ रीझ खीर सब, पति को खिलाइए।

प्रेम क्षेम देख देख, प्रीत रीत देख रेख,
घर वर देश देख, कन्या को बुलाइए।

सनातनी देश वेष,पुरातनी वाणी भेष,
सनातन संस्कृति का,ज्ञान खूब पाइए।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम

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