नया दौर का नया प्यार
नई तरह का कारोबार है ये
नए दौर का प्यार है ये…
नई तर्ज पे है ज़िंदगी
दर्दो-गम की बात अब पुरानी
नया मिजाज़.नया शौक़ नया तरीक़ा
नई फसल की बहार है ये….
नए दौर का प्यार है ये..
बदल गए हैं ढंग सबके
बदल गए है रंग सब के
यही तो वक्त का है तकाजा
बदलते वक्त की रफ़्तार है ये..
नए दौर का प्यार है ये ..
नई ग़ज़ल है नया तराना
नई लहर पे है अब जमाना..
बदल गया साज़ था जो पुराना
नए दौर का सिंगार है ये…
नए दौर प्यार है ये..
बहुत क़ीमती थी क़दरे-पुरानी
बहुत प्यारा था इखलाक का ज़ेवर
जो खतम हो गया आदमी के अन्दर
अजब से लफ्जो की गुफ्तगू है ये
ग़ज़ब तरह की गुफतार है ये
नए दौर नया प्यार है ये….
बहुत पुरकाशीश है हज़ारो यादे
बहुत दिल आवेज है पुरानी बाते..
मिटाए से भी जो मिटती नहीं है
उजालो भरी वो चमकती राते
बीती हुई यादो की बौछार है ये
नए दौर नया प्यार है ये…
सुनो!!!
हमने भी ये तय किया है
बदलते वक्त में खुद को
भी है बदलना
जमाने के साथ भी है
थोडा सा चलना
नए-पुराने का कुछ ऐसा:
मेल करना.
के दोनो को अपना कर के
मुझे है रखना ..
हमारी सोच का नया मयार है ये
नए दौर का नया प्यार है ये …..
शनीना नाज़