नया जख्म
एक नया जख्म ही, मेरे जख्म की दवाई है,
ये दौलत जिंदगी में,
बड़ी शिद्दत से कमाई है,
दिल में तूफान ,आंखों में सैलाब भरा ,
ये किसी अपने की दुहाई है,
एक नया जख्म ही,
मेरे जख्म की दवाई है
मुंसिफ भी तुम, अदालतें भी तुम्हारी क्या रखे दलीलें, काहे की सुनवाई है ,
एक नया जख्म ही, मेरे जख्म की दवाई है
यह जो शाहिद मुकर्रर हैं, मेरी जानिब,
मैं जानता हूं के यह तेरे ही शैदाई हैं,
एक नया जख्म ही,
मेरे दर्द की दवाई है
नवाब”सैम”
एक नया जख्म ही मेरे जख्म की दवाई है।