नयन
नैनो की भाव भंगिमा जब अनुवादित होती है।
संकेतों की परिभाषा तब परिभाषित होती है।
नयनों की भाषा केवल ये नयन समझते हैं ।
प्रेम विरह की व्यथा कथा, वे नैन समझते हैं।
झील सी नीली आंखों की आशा अभिलाषित होती है ।
संकेतों की परिभाषा तब परिभाषित होती है।
नैनो की भाव भंगिमा जब अनुवादित होती है ।
सीपी जैसे नयन तुम्हारे चंचल पलकें काली ।
सीप के अंदर मोती जैसे दोनों पलकों की लाली।
बिन पानी बेनूरी आंखें सूनी आभाषित होती हैं ।
संकेतों की परिभाषा तब परिभाषित होती है ।
नैनो की भाव भंगिमा जब अनुवादित होती है।
आंखों का चंचल पन मन को घायल करता है।
चंदा हो या चकोर हो सबको कायल करता है।
चितवन तरुणी की तब अनुभाषित होती है ।
संकेतों की परिभाषा तब परिभाषित होती है।
नैनो की भाव भंगिमा जब अनुवादित होती है।
संकेतों की परिभाषा तब परिभाषित होती है।
डॉ प्रवीणकुमार श्रीवास्तव,” प्रेम”
सीतापुर।