Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Mar 2022 · 2 min read

नम्रता से बात करे

नम्रता से बात करे

सरकारी कार्यालय में लंबी लाइन लगी हुई थी । खिड़की पर जो क्लर्क बैठा हुआ था, वह तल्ख़ मिजाज़ का था और सभी से तेज स्वर में बात कर रहा था ।

उस समय एक महिला को डांटते हुए वह कह रहा था, “आपको पता नहीं चलता, यह फॉर्म भर कर लायीं हैं, कुछ भी सही नहीं । सरकार ने फॉर्म फ्री कर रखा है तो कुछ भी भर दो, जेब का पैसा लगता तो दस लोगों से पूछ कर भरतीं आप ।”

एक व्यक्ति पंक्ति में पीछे खड़ा काफी देर से यह देख रहा था, वह पंक्ति से बाहर निकल कर, पीछे के रास्ते से उस क्लर्क के पास जाकर खड़ा हो गया और वहीँ रखे मटके से पानी का एक गिलास भरकर उस क्लर्क की तरफ बढ़ा दिया ।

क्लर्क ने उस व्यक्ति की तरफ आँखें तरेर कर देखा और गर्दन उचका कर कहा ‘क्या है?’

उस व्यक्ति ने कहा, “सर, काफी देर से आप बोल रहे हैं, गला सूख गया होगा, कृपया पानी पी लीजिये ।”

क्लर्क ने पानी का गिलास हाथ में ले लिया और उसकी तरफ ऐसे देखा जैसे किसी दूसरे ग्रह के प्राणी को देख लिया हो!

क्लर्क ने कहा, “जानते हो, मैं कडुवा सच बोलता हूँ, इसलिए सब नाराज़ रहते हैं और चपरासी तक मुझे पानी नहीं पिलाता!”

वह व्यक्ति मुस्कुरा दिया और फिर पंक्ति में अपने स्थान पर जाकर खड़ा हो गया ।

अब उस क्लर्क का मिजाज थोड़ा नर्म हो चुका था, काफी शांत मन से उसने सभी से बात की और सबको अच्छे से सेवाए देनी शुरू की ।

शाम को उस व्यक्ति के पास एक फ़ोन आया, दूसरी तरफ वही क्लर्क था, उसने कहा, “भाईसाहब, आपका नंबर आपके फॉर्म से लिया था, शुक्रिया अदा करने के लिये फ़ोन किया है ।

मेरी माँ और पत्नी में बिल्कुल नहीं बनती, आज भी जब मैं घर पहुंचा तो दोनों बहस कर रहीं थी, लेकिन आपका गुरुमन्त्र काम आ गया ।”

वह व्यक्ति चौंका, और कहा, “जी? गुरुमंत्र?”

“जी हाँ, मैंने एक गिलास पानी अपनी माँ को दिया और दूसरा अपनी पत्नी को और यह कहा कि गला सूख रहा होगा पानी पी लो । बस तब से हम तीनों प्यार से बातें कर रहे हैं । अब भाईसाहब, आज खाने पर आप हमारे घर आ जाइये ।”

“जी! लेकिन , खाने पर क्यों?”

क्लर्क ने पुरे हक़ से कहा,”गुरू माना है तो इतनी दक्षिणा तो बनेगी ना आपकी , और ये भी जानना चाहता हूँ, कि एक गिलास पानी में इतना जादू है तो खाने में कितना होगा?”
फोन पर बात करते हुए दोनों हंस पड़े।

सार :-
दूसरो के क्रोध को प्यार से ही दूर किया जा सकता है । कभी कभी हमारे एक छोटे से प्यार भरे बर्ताव से दूसरे इंसान में बहुत बड़ा परिवर्तन हो जाता है और प्यार भरे रिश्तो की एकाएक शुरूआत होने लगती है जिससे घर और कार्यस्थल पर मन को सुकुन मिलता है ।

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 205 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिन्दगी से भला इतना क्यूँ खौफ़ खाते हैं
जिन्दगी से भला इतना क्यूँ खौफ़ खाते हैं
Shweta Soni
गमले में पेंड़
गमले में पेंड़
Mohan Pandey
" जोंक "
Dr. Kishan tandon kranti
एक महिला से तीन तरह के संबंध रखे जाते है - रिश्तेदार, खुद के
एक महिला से तीन तरह के संबंध रखे जाते है - रिश्तेदार, खुद के
Rj Anand Prajapati
रामदीन की शादी
रामदीन की शादी
Satish Srijan
*मन राह निहारे हारा*
*मन राह निहारे हारा*
Poonam Matia
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
खतडु कुमाउं गढ़वाल के बिच में लड़ाई की वजह या फिर ऋतु परिवर्तन का त्यौहार
खतडु कुमाउं गढ़वाल के बिच में लड़ाई की वजह या फिर ऋतु परिवर्तन का त्यौहार
Rakshita Bora
आग और पानी 🔥🌳
आग और पानी 🔥🌳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दुश्मनों से नहीं दोस्तों से ख़तरा है
दुश्मनों से नहीं दोस्तों से ख़तरा है
Manoj Mahato
मां शारदे वंदना
मां शारदे वंदना
Neeraj Agarwal
मची हुई संसार में,न्यू ईयर की धूम
मची हुई संसार में,न्यू ईयर की धूम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
“अशान्त मन ,
“अशान्त मन ,
Neeraj kumar Soni
राम की रीत निभालो तो फिर दिवाली है।
राम की रीत निभालो तो फिर दिवाली है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
विकलांगता : नहीं एक अभिशाप
विकलांगता : नहीं एक अभिशाप
Dr. Upasana Pandey
शायर की जुबां में बोलूँ अगर
शायर की जुबां में बोलूँ अगर
gurudeenverma198
दीवाना मौसम हुआ,ख्वाब हुए गुलजार ।
दीवाना मौसम हुआ,ख्वाब हुए गुलजार ।
sushil sarna
..
..
*प्रणय*
फूल है और मेरा चेहरा है
फूल है और मेरा चेहरा है
Dr fauzia Naseem shad
2843.*पूर्णिका*
2843.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
फागुन होली
फागुन होली
Khaimsingh Saini
क्या मालूम तुझे मेरे हिस्से में तेरा ही प्यार है,
क्या मालूम तुझे मेरे हिस्से में तेरा ही प्यार है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
काश तुम मेरे पास होते
काश तुम मेरे पास होते
Neeraj Mishra " नीर "
ज़िन्दगी में जो ताक़त बनकर आते हैं
ज़िन्दगी में जो ताक़त बनकर आते हैं
Sonam Puneet Dubey
*कहॉं गए वे लोग जगत में, पर-उपकारी होते थे (गीत)*
*कहॉं गए वे लोग जगत में, पर-उपकारी होते थे (गीत)*
Ravi Prakash
मात गे हे डोकरा...
मात गे हे डोकरा...
TAMANNA BILASPURI
दिल से पूछो
दिल से पूछो
Surinder blackpen
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वो रूठ कर हमसे यूं चल दिए आज....!!!
वो रूठ कर हमसे यूं चल दिए आज....!!!
AVINASH (Avi...) MEHRA
यह मेरी मजबूरी नहीं है
यह मेरी मजबूरी नहीं है
VINOD CHAUHAN
Loading...