नमन पूर्वजों के चरणों में ( श्रद्धा गीत )
नमन पूर्वजों के चरणों में ( श्रद्धा गीत )
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नमन पूर्वजों के चरणों में सौ – सौ बार प्रणाम है
(1)
जिनकी उँगली पकड़- पकड़कर हमने चलना सीखा
जिनकी दृष्टि मिली तो जग का हर रहस्य था दीखा
जिनके आशीषों के हम पर कितने ही उपकार हैं
जिनके बल से बने हमारे सुंदर श्रेष्ठ विचार हैं
शुभ लोकों में दिव्य सुशोभित जिनका सुंदर धाम है
नमन पूर्वजों के चरणों में सौ- सौ बार प्रणाम है
(2)
जहाँ रहें हे देव शाँतिमय जीवन आप बिताऍं
खुद पाएं संतोष- दिव्य-धन हमको भी दे जाऍं
देह अनुज की नाशवान है, सदा नहीं यह रहती
लोक और परलोक समय की धाराओं में बहती
पिता पुत्र माता पत्नी पति क्षणभंगुर का नाम है
नमन पूर्वजों के चरणों में सौ- सौ बार प्रणाम है
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997 615 451