नमन नमन हे माँ दुर्गे
नमन नमन हे माँ दुर्गे, तेरे चरणों में नमन हमारा हैं,
अपरम्पार तेरी हैं लीला, जीवन तुझको समर्पण हैं,
नभ के जैसी उज्वल माँ का, माँ का पारदर्शी समभाव हैं,
सद्गुण अवगुण माँ तुमसे, कलियुग में तेरी जय जयकार हैं,
सृष्टि की सब शक्ति हे माता, तेरा ही स्वरूप हैं माता,
सारे जग की तुम हो माता, सृष्टी की सृजनहार हो माता,
जिसको मिल जाये माँ तेरी भक्ति,उसका ही सौभाग्य हैं,
नाम तेरा जो जपे नर-नारी, कट जाते सब दुर्भाग्य हैं,
तुम शाश्वत हो आदि अनन्ता, मिथ्या जग की भ्रम हर्ता हो,
महाशक्ति हे आदि भवानी,अमंगल हटा मंगल कर्ता हो,
तेरे चरणों का प्रेम हे मैया, तीनो लोक से ऊँचा प्रेम हैं,
सब देवो के नाम से बढ़कर, शेरावाली माँ का धाम हैं,
शुद्ध हृदय से माँ का आलिंगन, सच्चा प्रेम बरसाता हैं,
मन से कपट को छोड़ भजे जो, माँ का रूप दर्शाता हैं,
यह जग हैं परिवर्तन कारी, प्रलय नाश औ भयकारी,
तेरी भक्ति सबसे न्यारी, प्रेम आनन्द देती सुखकारी,
तुझमे जो स्थित हो जाये, ध्यान तेरा माँ दिल में लगाये,
ज्ञान भक्ति वो पाता क्षण में,तीन लोक अन्दर ही पाये,
दर्शन देती नित्य हृदय में, आत्मा के शाश्वत चिन्तन में,
बेदर्दी माँ तुमसे वर मांगे, लीन रहूँ सदा तेरी भक्ति में,
तेरे चरणों का ध्यान धरूँ, बेदर्दी को भाव से पार करो,
बेदर्दी संग भक्तो की टोली, माँ सबका कल्याण करो,