नफ़रत ने जगह ले ली अब तो,
नफ़रत ने जगह ले ली अब तो,
बेपनाह मोहब्बत का घर था जहां।
दोष दें भी तो किसका सांवरे,
जब अपने ही बेवफ़ा निकले।
दिल की गहराई में उतरते तो,
इल्म होता मेरी मोहब्बत का।
कमबख़्त वक्त को दोष दें तो क्या,
वो किनारों से पत्थर मार निकले।
श्याम सांवरा….