Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Oct 2023 · 1 min read

नफरतों के शहर में प्रीत लुटाते रहना।

नफरतों के शहर में प्रीत लुटाते रहना।
दिलों को जोड़ने की रीत सिखाते रहना।।
झूठ कितना भी बड़ा बनके सामने आए।
आइना बनके तू बस सच ही दिखाते रहना।।
“कश्यप”

2 Likes · 294 Views

You may also like these posts

ज़रा सी  बात में रिश्तों की डोरी  टूट कर बिखरी,
ज़रा सी बात में रिश्तों की डोरी टूट कर बिखरी,
Neelofar Khan
बंदगी हम का करीं
बंदगी हम का करीं
आकाश महेशपुरी
प्रिये..!!
प्रिये..!!
पंकज परिंदा
रिश्ते
रिश्ते
Ruchika Rai
तन मन मदहोश सा,ये कौनसी बयार है
तन मन मदहोश सा,ये कौनसी बयार है
पूर्वार्थ
राधे कृष्णा, राधे कृष्णा
राधे कृष्णा, राधे कृष्णा
Vibha Jain
ମଣିଷ ଠାରୁ ଅଧିକ
ମଣିଷ ଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
गरिमामय प्रतिफल
गरिमामय प्रतिफल
Shyam Sundar Subramanian
*त्योरी अफसर की चढ़ी ,फाइल थी बिन नोट  * [ हास्य कुंडलिया 】
*त्योरी अफसर की चढ़ी ,फाइल थी बिन नोट * [ हास्य कुंडलिया 】
Ravi Prakash
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
#क़तआ (मुक्तक)
#क़तआ (मुक्तक)
*प्रणय*
कल का सूरज
कल का सूरज
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
राम जीवन मंत्र है
राम जीवन मंत्र है
Sudhir srivastava
सौंदर्य छटा🙏
सौंदर्य छटा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
नफ़रत सहना भी आसान हैं.....⁠♡
नफ़रत सहना भी आसान हैं.....⁠♡
ओसमणी साहू 'ओश'
भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
अंसार एटवी
3770.💐 *पूर्णिका* 💐
3770.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
" रफूगर "
Dr. Kishan tandon kranti
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
क्या लिखूं ?
क्या लिखूं ?
Rachana
मुक्तक
मुक्तक
गुमनाम 'बाबा'
रिश्तों का एहसास
रिश्तों का एहसास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जय कालरात्रि माता
जय कालरात्रि माता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
आइना बोल उठा
आइना बोल उठा
Chitra Bisht
गुरु पर कुण्डलियाँ
गुरु पर कुण्डलियाँ
sushil sharma
वेदना
वेदना
AJAY AMITABH SUMAN
बाकी है...
बाकी है...
Manisha Wandhare
विचलित लोग
विचलित लोग
Mahender Singh
कहानी -
कहानी - "सच्चा भक्त"
Dr Tabassum Jahan
Loading...