नफरतों के शहर में प्रीत लुटाते रहना।
नफरतों के शहर में प्रीत लुटाते रहना।
दिलों को जोड़ने की रीत सिखाते रहना।।
झूठ कितना भी बड़ा बनके सामने आए।
आइना बनके तू बस सच ही दिखाते रहना।।
“कश्यप”
नफरतों के शहर में प्रीत लुटाते रहना।
दिलों को जोड़ने की रीत सिखाते रहना।।
झूठ कितना भी बड़ा बनके सामने आए।
आइना बनके तू बस सच ही दिखाते रहना।।
“कश्यप”