Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2024 · 1 min read

नन्हे-मुन्ने हाथों में, कागज की नाव ही बचपन था ।

नन्हे-मुन्ने हाथों में, कागज की नाव ही बचपन था ।
जिसके नीचे खेले वो, पीपल की छाँव ही बचपन था।

कभी झील सा मौन कभी, लहरों सा तूफानी बचपन,
कभी – कभी था शिष्ट कभी, करता था मनमानी बचपन।
गिल्ली-डंडा, दौड़-पकड़, खोखो के खेल निराले थे,
साथ मेरे जो खेले मेरे, यार बड़े मतवाले थे।
जिसे छुपाते थे माता से, ऐसा घाव ही बचपन था ।
नन्हे-मुन्ने हाथों में, कागज़ की नाव ही बचपन था।

पापा के उन कंधों की तो, बात ही थी कुछ खास।
बैठ कभी जिन पर यारों, हम छूते थे आकाश ।
मां की रोटी के आगे सब, फीके थे पकवान ।
सचमुच मेरा बचपन था, इस यौवन से धनवान।
जाति, धर्म के भेद बिना का, प्रेम भाव ही बचपन था।
नन्हे-मुन्ने हाथों में, कागज़ की नाव ही बचपन था।

128 Views

You may also like these posts

लोगो का व्यवहार
लोगो का व्यवहार
Ranjeet kumar patre
नए ज़माने की जीवन शैली
नए ज़माने की जीवन शैली
Pushpa Tiwari
* भीम लक्ष्य **
* भीम लक्ष्य **
भूरचन्द जयपाल
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
Sonam Puneet Dubey
"नींद से जागो"
Dr. Kishan tandon kranti
महुआ फूल की गाथा
महुआ फूल की गाथा
GOVIND UIKEY
दया से हमारा भरो माँ खज़ाना
दया से हमारा भरो माँ खज़ाना
Dr Archana Gupta
संबंधो में अपनापन हो
संबंधो में अपनापन हो
संजय कुमार संजू
प्रणय
प्रणय
*प्रणय*
ठहर कर देखता हूँ खुद को जब मैं
ठहर कर देखता हूँ खुद को जब मैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
गर्मी और नानी का आम का बाग़
गर्मी और नानी का आम का बाग़
अमित
फिर से जिंदगी ने उलाहना दिया ,
फिर से जिंदगी ने उलाहना दिया ,
Manju sagar
*उधो मन न भये दस बीस*
*उधो मन न भये दस बीस*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मां
मां
Dr.Priya Soni Khare
हरा नहीं रहता
हरा नहीं रहता
Dr fauzia Naseem shad
रिश्ते
रिश्ते
Sanjay ' शून्य'
अनंत प्रकृति का नव आगमन
अनंत प्रकृति का नव आगमन
Anant Yadav
बहू
बहू
Buddha Prakash
कुर्सी
कुर्सी
Bodhisatva kastooriya
आओ घर चलें
आओ घर चलें
Shekhar Chandra Mitra
One of the biggest red flags in a relationship is when you h
One of the biggest red flags in a relationship is when you h
पूर्वार्थ
मन्दिर, मस्ज़िद धूप छनी है..!
मन्दिर, मस्ज़िद धूप छनी है..!
पंकज परिंदा
विरासत की वापसी
विरासत की वापसी
Laxmi Narayan Gupta
कुछ शामें गुज़रती नहीं... (काव्य)
कुछ शामें गुज़रती नहीं... (काव्य)
मोहित शर्मा ज़हन
जखने कथा, कविता ,संस्मरण इत्यादि अपन मुख्य धारा सँ हटि पुर्व
जखने कथा, कविता ,संस्मरण इत्यादि अपन मुख्य धारा सँ हटि पुर्व
DrLakshman Jha Parimal
3372⚘ *पूर्णिका* ⚘
3372⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
वो तो हंसने हंसाने की सारी हदें पार कर जाता है,
वो तो हंसने हंसाने की सारी हदें पार कर जाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हृदय की बेचैनी
हृदय की बेचैनी
Anamika Tiwari 'annpurna '
ज्यों स्वाति बूंद को तरसता है प्यासा पपिहा ,
ज्यों स्वाति बूंद को तरसता है प्यासा पपिहा ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
आसान नहीं होता
आसान नहीं होता
Surinder blackpen
Loading...