“नन्हीं परी का योगा” #100 शब्दों की कहानी”
पहली डिलेवरी के पश्चात काफी वजन बढ़ गया सोम्या का, पर पहली बेटी होने की खुशी ही अलग होती है सो अपना ध्यान रख नहीं पाई । ढाई साल के अंतराल से बेटा होने की खुशी नन्ही परी के साथ परिवार में मनायी जा रही , वह चिंतित थी स्वास्थ्य के प्रति । सभी कामों का समायोजनकर दारोमदार भी उसी पर बड़ी-बहु जो ठहरी घर की ।
एक दिन परी बोली, ” हम बच्चों को न स्कूल में सदैव बेहतर-स्वास्थ्य के लिए योगा सिखाया जा रहा है” कल वयस्कों के योगा-शिविर में चलो मम्मा, फिर मेरी मम्मा दिखेगी एकदम-फीट ।