ननिहाल।
ननिहाल के पास है ख़ुशियों का आसरा,
वहां जाकर दिल है ख़ुशियाँ से भरा।
धूप में बचपन का रंग भरते हैं हम,
ननिहाल की मज़ा है निरंतर लहरों का समर्थन।
खुले आसमान के नीचे फिरते हैं हम,
ननिहाल के रंगों में खिलते हैं हरदम,
बचपन के उत्साह से सजी दुनिया को है खोजते।
वहां की सुनहरी चाँदनी के संग हम हैं झलकते ।
ननिहाल के प्रेम की मिठास चखते हैं हम,
नाना नानी गोदमें खो जाते हैं हम,
उनके संग बिताए हुए पलों को
याद हैं करते।
ननिहाल के सारे पल आज भी मन को लुभाते।
मामा मामी के साथ है हर पल मज़ा होता था अनोखा ,
कितनी भी मस्ती करलो, यहां हमे किसीने नही टोका,
आज भी सब लम्हे दिल में समा जाते,
जब हम अपने ननिहाल को यादों में पाते।