नदी चली प्यासे की ओर
नदी बुझाने खुद चली जब प्यासे की प्यास
इतराने प्यासा लगा हुआ आम से खास
हुआ आम से ख़ास नदी का मोरल डाउन
जब प्यासे ने कहा कलर पानी का ब्राउन
कह संजय कविराय लद गयी नेक सदी
प्यासा भी लतिआए जो चल कर जाए नदी
नदी बुझाने खुद चली जब प्यासे की प्यास
इतराने प्यासा लगा हुआ आम से खास
हुआ आम से ख़ास नदी का मोरल डाउन
जब प्यासे ने कहा कलर पानी का ब्राउन
कह संजय कविराय लद गयी नेक सदी
प्यासा भी लतिआए जो चल कर जाए नदी