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7 Feb 2020 · 1 min read

नदी चली प्यासे की ओर

नदी बुझाने खुद चली जब प्यासे की प्यास
इतराने प्यासा लगा हुआ आम से खास

हुआ आम से ख़ास नदी का मोरल डाउन
जब प्यासे ने कहा कलर पानी का ब्राउन

कह संजय कविराय लद गयी नेक सदी
प्यासा भी लतिआए जो चल कर जाए नदी

5 Likes · 1 Comment · 461 Views
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