Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Nov 2022 · 1 min read

*नदी और समुद्र (कुंडलिया)*

नदी और समुद्र (कुंडलिया)
■■■■■■■■■■■■■■■■
बोला नदिया से #उदधि ,देखो मेरी शान
गहराई मुझ में भरी , यह मेरी पहचान
यह मेरी पहचान ,सुना नदिया मुस्काई
बोली बीती उम्र ,बुद्धि अब तक कब आई
कहते रवि कविराय ,राज नदिया ने खोला
जिसमें भरी मिठास , बड़ा जो मीठा बोला
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●
उदधि = समुद्र

1 Like · 157 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
"जियो जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल की आवाज़
दिल की आवाज़
Dipak Kumar "Girja"
वक्त वक्त की बात है,
वक्त वक्त की बात है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुमने अखबारों में पढ़ी है बेरोज़गारी को
तुमने अखबारों में पढ़ी है बेरोज़गारी को
Keshav kishor Kumar
*तरह-तरह की ठगी (हास्य व्यंग्य)*
*तरह-तरह की ठगी (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
उस देश के वासी है 🙏
उस देश के वासी है 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
स्नेह का बंधन
स्नेह का बंधन
Dr.Priya Soni Khare
* मधुमास *
* मधुमास *
surenderpal vaidya
बुद्ध पूर्णिमा शुभकामनाएं - बुद्ध के अनमोल विचार
बुद्ध पूर्णिमा शुभकामनाएं - बुद्ध के अनमोल विचार
Raju Gajbhiye
महबूब से कहीं ज़्यादा शराब ने साथ दिया,
महबूब से कहीं ज़्यादा शराब ने साथ दिया,
Shreedhar
किस तिजोरी की चाबी चाहिए
किस तिजोरी की चाबी चाहिए
भरत कुमार सोलंकी
🙅चलो रायबरेली🙅
🙅चलो रायबरेली🙅
*प्रणय*
प्रकृति की पुकार
प्रकृति की पुकार
AMRESH KUMAR VERMA
Interest
Interest
Bidyadhar Mantry
*आओ हम वृक्ष लगाए*
*आओ हम वृक्ष लगाए*
Shashi kala vyas
मुझको कभी भी आजमा कर देख लेना
मुझको कभी भी आजमा कर देख लेना
Ram Krishan Rastogi
बदलाव
बदलाव
Shyam Sundar Subramanian
महिला दिवस
महिला दिवस
Surinder blackpen
॥ जीवन यात्रा मे आप किस गति से चल रहे है इसका अपना  महत्व  ह
॥ जीवन यात्रा मे आप किस गति से चल रहे है इसका अपना महत्व ह
Satya Prakash Sharma
सोने का हिरण
सोने का हिरण
Shweta Soni
तेरे होने से ही तो घर, घर है
तेरे होने से ही तो घर, घर है
Dr Archana Gupta
शब्द सुनता हूं मगर मन को कोई भाता नहीं है।
शब्द सुनता हूं मगर मन को कोई भाता नहीं है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
24/230. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/230. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एक महिला अपनी उतनी ही बात को आपसे छिपाकर रखती है जितनी की वह
एक महिला अपनी उतनी ही बात को आपसे छिपाकर रखती है जितनी की वह
Rj Anand Prajapati
सफ़र ठहरी नहीं अभी पड़ाव और है
सफ़र ठहरी नहीं अभी पड़ाव और है
Koमल कुmari
🤔🤔🤔समाज 🤔🤔🤔
🤔🤔🤔समाज 🤔🤔🤔
Slok maurya "umang"
कुछ इस तरह टुटे है लोगो के नजरअंदाजगी से
कुछ इस तरह टुटे है लोगो के नजरअंदाजगी से
पूर्वार्थ
इन आँखों को हो गई,
इन आँखों को हो गई,
sushil sarna
इबादत आपकी
इबादत आपकी
Dr fauzia Naseem shad
???????
???????
शेखर सिंह
Loading...