नदी उस पार बहती है….
उधर देखो झुपड़पट्टी, वहाँ इक नार रहती है।
धरा सिर बोझ है उसके, धरा सा भार सहती है।
घटा घुमड़ जब आती है,भिगोकर खूब जाती है;
इधर आँसू बरसते हैं, नदी उस पार बहती है।
-© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
उधर देखो झुपड़पट्टी, वहाँ इक नार रहती है।
धरा सिर बोझ है उसके, धरा सा भार सहती है।
घटा घुमड़ जब आती है,भिगोकर खूब जाती है;
इधर आँसू बरसते हैं, नदी उस पार बहती है।
-© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद