Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 May 2024 · 1 min read

नदियों के नज़ारे

रचना नंबर (14)

विधा,,, गीत

नदियों के नज़ारे

झूमती सारी नदियाँ जब
पहाड़ों से उतरती हैं
झरने सोतों में बंट करके
उछलती नाद करती हैं
के धुँवाधार जब बनते
बड़ा उन्माद करती हैं
नज़ारे नदियों के सारे
दिल को शाद करते हैं

लुढ़कते पाषाण के टुकड़े
ये शालिग्राम बनते हैं
लहरे आघात करती हैं
शिव का रूप धरते हैं
कोशिशें करने वाले तो
मंजिलें पा ही लेते हैं
नज़ारे नदियों के सारे
दिल को शाद करते हैं

सयानी सी सलिलाएं
धरती पर पसरती हैं
खेत-खलिहान लहकाते
हरी चादर बिछाती हैं
तीरथ धाम बनते हैं
घाट गुलज़ार होते हैं
नज़ारे नदियों के सारे
दिल को शाद करते हैं

जल-जीव सब पलते
ये मोती भी लुटाती हैं
बिन लालच ये सरिताएं
जन कल्याण करती हैं
सहेजो कीमती बूंदें
जिंदगी की जरूरत है
नज़ारे नदियों के सारे
दिल को शाद करते हैं

इक माँ के माफ़िक ही
फ़र्ज़ अपना निभाती हैं
जब तक आब है मौजूद
कर्ज़ हम पर चढ़ाती हैं
करके उद्धार मानव का
समन्दर में समा जाती
नज़ारे नदियों के सारे
दिल को शाद करते हैं

सरला मेहता
इंदौर
मौलिक

44 Views

You may also like these posts

तो जानो आयी है होली
तो जानो आयी है होली
Satish Srijan
*मेरे साथ तुम हो*
*मेरे साथ तुम हो*
Shashi kala vyas
उसे तो आता है
उसे तो आता है
Manju sagar
2971.*पूर्णिका*
2971.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वर्ल्ड रिकॉर्ड 2
वर्ल्ड रिकॉर्ड 2
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*मैंने देखा है * ( 18 of 25 )
*मैंने देखा है * ( 18 of 25 )
Kshma Urmila
वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
Surinder blackpen
दिल तक रखते
दिल तक रखते
Dr fauzia Naseem shad
कविता: मेरी अभिलाषा- उपवन बनना चाहता हूं।
कविता: मेरी अभिलाषा- उपवन बनना चाहता हूं।
Rajesh Kumar Arjun
कविता जीवन का उत्सव है
कविता जीवन का उत्सव है
Anamika Tiwari 'annpurna '
“लफ़्ज़-लफ़्ज़ नश्तर हैं,अर्थ में नसीहत  है।
“लफ़्ज़-लफ़्ज़ नश्तर हैं,अर्थ में नसीहत है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
"तालाब"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़म का लम्हा, तन्हा गुज़ारा किजिए
ग़म का लम्हा, तन्हा गुज़ारा किजिए "ओश"
ओसमणी साहू 'ओश'
भक्ति छंद- जन्माष्टमी
भक्ति छंद- जन्माष्टमी
डॉ. शिव लहरी
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
Rj Anand Prajapati
मतदान कीजिए (व्यंग्य)
मतदान कीजिए (व्यंग्य)
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
*राजकली देवी: बड़ी बहू बड़े भाग्य*
*राजकली देवी: बड़ी बहू बड़े भाग्य*
Ravi Prakash
उनके आने से सांसे थम जाती है
उनके आने से सांसे थम जाती है
Chitra Bisht
बेटियाँ अब देश में कैसे जियें।
बेटियाँ अब देश में कैसे जियें।
श्रीकृष्ण शुक्ल
तुम इतने प्यारे हो
तुम इतने प्यारे हो
Jyoti Roshni
जो तुम्हारी खामोशी को नहीं समझ सकता,
जो तुम्हारी खामोशी को नहीं समझ सकता,
ओनिका सेतिया 'अनु '
तंत्र  सब  कारगर नहीं होते
तंत्र सब कारगर नहीं होते
Dr Archana Gupta
हटा 370 धारा
हटा 370 धारा
लक्ष्मी सिंह
*जीवन में हँसते-हँसते चले गए*
*जीवन में हँसते-हँसते चले गए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आतम अनुभव
आतम अनुभव
Nitesh Shah
प्रेम करें.... यदि
प्रेम करें.... यदि
महेश चन्द्र त्रिपाठी
धनिकों के आगे फेल
धनिकों के आगे फेल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
तारे
तारे
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
तेरा इक दिवाना हूँ
तेरा इक दिवाना हूँ
Dr. Sunita Singh
Loading...