नज्म
कहां से सिखा है आंचल को जलाना यारों ।
आगोश ने जिसकी तुमको, सुकून और खुशियां दी,
उसी आगोश को सीखा है मिटाना यारों।
ये रेलगाड़ियों, जो तुम्हारी हम सफर हूवा करती थी ।
कहा से सीखा खाक बनाना यारों।
कहां से सिखा है आंचल को जलाना यारों ।
आगोश ने जिसकी तुमको, सुकून और खुशियां दी,
उसी आगोश को सीखा है मिटाना यारों।
ये रेलगाड़ियों, जो तुम्हारी हम सफर हूवा करती थी ।
कहा से सीखा खाक बनाना यारों।