नज़र मिल जाए तो लाखों दिलों में गम कर दे।
नज़र मिल जाए तो लाखों दिलों में गम कर दे।
दिले बीमार का गम मुस्कुरा के कम कर दे।।
हुस्न ऐसा है लाजवाब की बस होठों से।
चूमकर दरिया के पानी को भी शबनम कर दे।।
प्रभु नाथ चतुर्वेदी “कश्यप”