नज़र जाके मिल गई __ मुक्तक
उनकी नज़र से मेरी नज़र जाके मिल गई।
ऐसे ही एक दिन वो मुझसे आके मिल गई।।
अब तो हमारा रोज़ का ही यह काम हो गया,
सूनी थी बगिया कलियां दिल में आके खिल गई।।
राजेश व्यास अनुनय
उनकी नज़र से मेरी नज़र जाके मिल गई।
ऐसे ही एक दिन वो मुझसे आके मिल गई।।
अब तो हमारा रोज़ का ही यह काम हो गया,
सूनी थी बगिया कलियां दिल में आके खिल गई।।
राजेश व्यास अनुनय