नज़र का फर्क
हम एक टक उनको देखते रहे,
वो आंख मार कर चल दिए ।
हम भी कितने नादां थे,
जो इसे इश्क़ समझ बैठे ।
मुलाकात हुई तो पता चला,
ये तो उनकी तो फितरत़ थी ।।
हम एक टक उनको देखते रहे,
वो आंख मार कर चल दिए ।
हम भी कितने नादां थे,
जो इसे इश्क़ समझ बैठे ।
मुलाकात हुई तो पता चला,
ये तो उनकी तो फितरत़ थी ।।