Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Aug 2022 · 1 min read

नज़रे उठाके देख लो।

नज़रे उठाके देख लो हर सम्त खुदाई ही खुदाई है।
अब तुम काफ़िर ही बन गए हो तो कोई बात नहीं।

हिदायतों का दरवाजा खुला है बन जाओ मोमिन।
वरना बादे हिदायत खुदा तुमको करेगा माफ नहीं।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

Language: Hindi
Tag: शेर
3 Likes · 8 Comments · 189 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Taj Mohammad
View all
You may also like:
रिश्ते को इस तरह
रिश्ते को इस तरह
Chitra Bisht
उड़ान मंजिल की ओर
उड़ान मंजिल की ओर
नूरफातिमा खातून नूरी
सवेदना
सवेदना
Harminder Kaur
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*प्रणय*
"लोग करते वही हैं"
Ajit Kumar "Karn"
होली आने वाली है
होली आने वाली है
नेताम आर सी
ज़माना साथ होगा
ज़माना साथ होगा
Surinder blackpen
3103.*पूर्णिका*
3103.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नदी की मुस्कान
नदी की मुस्कान
Satish Srijan
सौन्दर्य, समय, सुख-दुख, प्रेम और....
सौन्दर्य, समय, सुख-दुख, प्रेम और....
इशरत हिदायत ख़ान
"अमीर"
Dr. Kishan tandon kranti
ताउम्र रास्ते पे तो चलते रहे हम
ताउम्र रास्ते पे तो चलते रहे हम
Befikr Lafz
जीवन के रूप (कविता संग्रह)
जीवन के रूप (कविता संग्रह)
Pakhi Jain
शराब
शराब
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
श्रृष्टि का आधार!
श्रृष्टि का आधार!
कविता झा ‘गीत’
करतीं पूजा नारियाँ, पावन छठ त्योहार
करतीं पूजा नारियाँ, पावन छठ त्योहार
Dr Archana Gupta
Do your best and then let go. Everyone has limitations , and
Do your best and then let go. Everyone has limitations , and
पूर्वार्थ
महानगर के पेड़ों की व्यथा
महानगर के पेड़ों की व्यथा
Anil Kumar Mishra
नफसा नफसी का ये आलम है अभी से
नफसा नफसी का ये आलम है अभी से
shabina. Naaz
चाहे लाख महरूमियां हो मुझमे,
चाहे लाख महरूमियां हो मुझमे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हम जो थोड़े से टेढ़े हो रहे हैं
हम जो थोड़े से टेढ़े हो रहे हैं
Manoj Mahato
గురు శిష్యుల బంధము
గురు శిష్యుల బంధము
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
आजकल की पीढ़ी अकड़ को एटीट्यूड समझती है
आजकल की पीढ़ी अकड़ को एटीट्यूड समझती है
Sonam Puneet Dubey
*भोगों में जीवन बीत गया, सोचो क्या खोया-पाया है (राधेश्यामी
*भोगों में जीवन बीत गया, सोचो क्या खोया-पाया है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
मन की गाँठें
मन की गाँठें
Shubham Anand Manmeet
सवाल यह है
सवाल यह है
gurudeenverma198
तेरे हक़ में
तेरे हक़ में
Dr fauzia Naseem shad
जरूरत से ज्यादा
जरूरत से ज्यादा
Ragini Kumari
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
' पंकज उधास '
' पंकज उधास '
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
Loading...