नज़रें
दुनिया जिस नज़र से तुझे देखती है
उन नजरों का मफ़हूम समझ लेनें तो दे
फिर तेरी तारीफ में, मैं कुछ कहूंगा
पहले कहने का मक़सूम समझ लेनें तो दे।।
पुतुल कुमारी
दुनिया जिस नज़र से तुझे देखती है
उन नजरों का मफ़हूम समझ लेनें तो दे
फिर तेरी तारीफ में, मैं कुछ कहूंगा
पहले कहने का मक़सूम समझ लेनें तो दे।।
पुतुल कुमारी