नजरअंदाज
✒️जीवन ?की पाठशाला ?️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कैसी अजीब बात है की जब इंसान किसी पशु -पक्षी या इंसान से ही प्यार करता है तो वो उनको उड़ता देखना -स्वछंद देखना पसंद करता है लेकिन वहीँ जब इंसान इन्हें पसंद करता है तो इन्हें क़ैद करके -बाँध कर -पिंजरे में या जुनूनी होकर इन्हें अपने सामने ही रखता है …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हर छोटी बड़ी बात पर ध्यान देना -हर बात को दिल से लगाना यकीनन आपकी मानसिक शांति के साथ खिलवाड़ होगा ,इसलिए बातों को नजरअंदाज करना सीखिए ..क्यूंकि कुछ तो लोग कहेंगे ..लोगों का काम है कहना …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की सूरज के प्रकाश की तरह सब अपने नाम को चमकाना चाहते हैं पर सुबह जल्दी उठ कर उन्हीं सूर्यदेव के दर्शन का लाभ एवं आशीर्वाद लेने में सबको दिक्कत होती है …,
आखिर में एक ही बात समझ आई की बुद्धिमान कहलवाना हर कोई पसंद करता है पर आज के समय में वेद -पुराण -ग्रन्थ तो छोड़िये किताबें तक कोई नहीं पढ़ता और ना ही आज कोई अपने गुरुजनों का आदर ….? सोचिये ….समझिये …हम कहाँ जा रहे हैं …
बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क ? है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!
?सुप्रभात ?
आपका दिन शुभ हो
विकास शर्मा'”शिवाया”
?जयपुर -राजस्थान ?