नख-शिख हाइकु
सघन केश
काली घनघोर घटा
मनभावन छटा
उन्नत भाल
चमके बिंदिया लाल
करे कमाल
नयन सीमा
काजल रेखा पार
मोहे अपार
रक्त गुलाब
मधु सम अधर
ढायें कहर
गोरी संदली
बाहें फैली उल्लासित
करें आलिंगन
स्वर्ण शिखर
उन्नत युग्म कलश
जमे दृष्टि
कोमल कटि
कमनीय तन्तु सम
लचीली डाली
देखे पांव
कमल पुष्प द्वय
मन अर्पित
मौलिक
स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर