Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2021 · 2 min read

नकाब

लघुकहानी- नकाब

चेहरा व्यक्ति के आत्मा का प्रतिबिंब होता है।जो जैसा विचार रखता है उसका चेहरा वैसा ही बयान करता है।पर सच्चाई कभी-कभी इसके विपरीत होती है।
सेठ करमचंद और उनकी पत्नी अनीता दोनों समाज सेवक थे।समाज में उनका एक अलग रुतबा था।समाज के अहम मुद्दों पर दोनों दम्पत्ति आए दिन अपना पक्ष बड़ी मजबूती से रखते थे।उनका इकलौता बेटा रमेश था और बहू गीता बहुत ही नेक संस्कारों की औरत थी।गीता की पहली औलाद लड़की थी। इस बार जब गीता गर्भवती हुई तो उसकी सास अनीता उसे लेकर डाक्टर के पास भ्रूण की जांच कराने पहुँची। दोबारा से कन्या भ्रूण का पता चलते ही अनीता की भृकुटी तन गई उसने डाक्टर से और गीता से बच्चा गिराने को बोला।
यह सुनते ही गीता रोने लगी और पास खड़ी डाक्टर हैरान होते हुए बोली अरे! आप तो समाज सेविका हैं।आप ने तो लैंगिग समानता पर पिछले सप्ताह ही भाषण दिया था,जो अखब़ारों की सुर्खियाँ कई दिनों तक बनी रही।फिर आप कन्या भ्रूण हत्या का पाप क्यों लेना चाहती हैं? क्यों अजन्मी बच्ची को गर्भ में ही मार देना चाहती हैं?इस
पर अनीता ने गुस्से में बोला डाक्टर साहिबा आपसे जितना कहा जाए उतना करिए।मेरे घर में भी तो कोई वंश वृद्घि करने वाला होना चाहिए।हम जो बातें भाषण में कहते हैं उनका मेरे घर- परिवार से कोई लेना देना नहीं।
उनकी बातें सुनकर डाक्टर चकित थी और गीता के सास-ससुर के चेहरे के पीछे जो नकाब छिपा था उसे समझने की कोशिश कर रही थी।

मौलिक व स्वरचित
आभा सिंह
लखनऊ उत्तर प्रदेश

4 Likes · 4 Comments · 566 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हकीकत
हकीकत
अखिलेश 'अखिल'
कवि मोशाय।
कवि मोशाय।
Neelam Sharma
#जय_गौवंश
#जय_गौवंश
*प्रणय*
कोई मेरे दिल में उतर के तो देखे...
कोई मेरे दिल में उतर के तो देखे...
singh kunwar sarvendra vikram
"याद रहे"
Dr. Kishan tandon kranti
अपनी कद्र
अपनी कद्र
Paras Nath Jha
4884.*पूर्णिका*
4884.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
समझ
समझ
Dinesh Kumar Gangwar
गजब हुआ जो बाम पर,
गजब हुआ जो बाम पर,
sushil sarna
#डॉ अरुण कुमार शास्त्री
#डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जीवन संध्या में
जीवन संध्या में
Shweta Soni
*जितनी चादर है उतने ही, यदि पॉंव पसारो अच्छा है (राधेश्यामी
*जितनी चादर है उतने ही, यदि पॉंव पसारो अच्छा है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
नशे की दुकान अब कहां ढूंढने जा रहे हो साकी,
नशे की दुकान अब कहां ढूंढने जा रहे हो साकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
माटी
माटी
AMRESH KUMAR VERMA
हम जो थोड़े से टेढ़े हो रहे हैं
हम जो थोड़े से टेढ़े हो रहे हैं
Manoj Mahato
जितनी लंबी जबान है नेताओं की ,
जितनी लंबी जबान है नेताओं की ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
लोकतंत्र बस चीख रहा है
लोकतंत्र बस चीख रहा है
अनिल कुमार निश्छल
कर्मगति
कर्मगति
Shyam Sundar Subramanian
IPL के दौरान हार्दिक पांड्या को बुरा भला कहने वाले आज HERO ब
IPL के दौरान हार्दिक पांड्या को बुरा भला कहने वाले आज HERO ब
पूर्वार्थ
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-
Dr Tabassum Jahan
दोस्ती
दोस्ती
Dr fauzia Naseem shad
सबसे प्यारा सबसे न्यारा मेरा हिंदुस्तान
सबसे प्यारा सबसे न्यारा मेरा हिंदुस्तान
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मस्तियाँ दे शौक़ दे      माहौल भी दे ज़िन्दगी,
मस्तियाँ दे शौक़ दे माहौल भी दे ज़िन्दगी,
अश्क़ बस्तरी
//••• हिंदी •••//
//••• हिंदी •••//
Chunnu Lal Gupta
प्रकृति के स्वरूप
प्रकृति के स्वरूप
डॉ० रोहित कौशिक
एक महिला तब ज्यादा रोती है जब उसके परिवार में कोई बाधा या फि
एक महिला तब ज्यादा रोती है जब उसके परिवार में कोई बाधा या फि
Rj Anand Prajapati
प्रेम साधना श्रेष्ठ है,
प्रेम साधना श्रेष्ठ है,
Arvind trivedi
जो ले जाये उस पार दिल में ऐसी तमन्ना न रख
जो ले जाये उस पार दिल में ऐसी तमन्ना न रख
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
अवधी स्वागत गीत
अवधी स्वागत गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
Ram
Ram
Sanjay ' शून्य'
Loading...