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5 Mar 2022 · 1 min read

नकली चेहरा

कोई तो रिश्ता बचा न पाया
कोई तो खुद को बचा न पाया
किसी की आँखो मे नकली आँसू
कोई मोहब्बत पचा न पाया

सभी के चेहरे पे है भरम मीठा
कोई तो नफरत मे जल रहा है
कोई लगाये है नकली चेहरा
खुशी से लोगों को छल रहा है
बगल में छूरी छुपा के अपने
कोई किसी को रिझा न पाया
किसी की आँखो मे नकली आँसू
कोई मोहब्बत पचा न पाया

कोई ख़यालों में मस्त अपने
खुद के लिये ही है जाल बुनता
कोई लगा करके चश्मा काला
उजाले मे दिन के ख़्वाब चुनता
गुनाह अपने छुपा के सबसे
कोई खुदा को है पा न पाया
किसी की आँखो मे नकली आँसू
कोई मोहब्बत पचा न पाया

किसी ने लब ही सिले हुये हैं
कोई तो बोले ही जा रहा है
कोई तो लेकर के हाथ खंजर
गजब दोस्ती निभा रहा है
वतनपरस्ती दी छोड़ जिसने
कभी किसी का वो हो न पाया
किसी की आँखो मे नकली आँसू
कोई मोहब्बत पचा न पाया

Language: Hindi
Tag: गीत
550 Views
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