नए नए नित छंद
कलम स्वरूपी पुष्प से ,निकलेगा मकरंद !
यही सोच रचवा रही,..नए नए नित छंद!!
करें लेखनी से नही,औरौं का अपमान !
होते है साहित्य के,पंडित वही महान !!
रमेश शर्मा.
कलम स्वरूपी पुष्प से ,निकलेगा मकरंद !
यही सोच रचवा रही,..नए नए नित छंद!!
करें लेखनी से नही,औरौं का अपमान !
होते है साहित्य के,पंडित वही महान !!
रमेश शर्मा.