नई शुरावत नई कहानियां बन जाएगी
नई शुरावत नई कहानियां बन जाएगी
नई दास्तां ए जिन्दगी लिख जाएगी।
मुश्किलों का दौर सामने आएगा
जिदगी का नया अध्याय बनाएगा।
जिंदगी का सिलसिला इस साल भी जारी रहेगा
रिश्तों का बनना टूटना रिश्तों पर भारी रहेगा।
इंसान ही इंसान को गिराता रहेगा
इंसान ही इंसान साथ निभाता भी रहेगा।
नए साल के साथ लोग भी बदल जाएंगे
कुछ उठेंगे तो कुछ गिरते हुए दिख जाएंगे।
नफरतों के दौर में भी प्यार का एहसास होगा
कही साथ तो कही अपनो से विश्वाश घात होगा।
साल के साथ लोगों की भावनाएं भी बदल जाएंगी
कुछ अच्छी तो कुछ बुरी बन कर रंग दिखाएगी।
जिंदगी जैसी है वैसी ही चलती जाएगी
कही धूप तो कही छाव भी आएगी।…