नई परंपरा और फसाद
मामूली बात पर हिंदू और मुसलमान इंसान से हैवान बन गए। एक धार्मिक आयोजन को लेकर टकराव में खूब मारकाट हुई। बेगुनाहों का खून बहाया गया। कानून व्यवस्था की दुहाई देकर अधिकारियों को निलंबन की सजा मिली। इसी बीच उच्चस्तरीय जांच शुरू हो चुकी थी। जांच रिपोर्ट आने तक दोनों ही समुदाय अपनी जान-माल का नुकसान कर शांत हो चुके थे।
अब जांच रिपोर्ट भी आ चुकी थी। अखबारों ने भी इस खबर को प्रमुखता से छापा। खबर पढ़ने के बाद नुकसान का दंश झेल चुके लोगों को सबक मिल चुका था। रिपोर्ट के मुताबिक एक सफेदपोश खद्दरधारी ने धार्मिक आयोजन के लिए मोटा चंदा दिया था। उसने ही दूसरे समुदाय को नई परंपरा के नाम पर विरोध करने के लिए उकसा दिया। जांच रिपोर्ट से साबित हो चुका था कि नई परंपरा शुरू करने और उसका विरोध करने वाले भी खद्दरधारी के ही लोग थे। धर्म के नाम पर लड़ने वालों को अपनी गलती का एहसास हो चुका था।
© अरशद रसूल