नई “दिशा
✒️जीवन ?की पाठशाला ?️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कांच पर “पारा” चढ़ा दो तो “आइना” बन जाता है और..यही “आइना” दिखा दो तो ..पारा” चढ़ जाता है……..,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कामयाब लोग अपने फैसले से दुनिया बदल देते है,ओर नाकामयाब लोग दुनिया के डर से अपने फैसले बदल लेते है…..,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की बहुत से रिश्ते इसलिए…
ख़त्म हो जाते हैं..क्योंकि….एक सही बोल नहीं पाता…दूसरा सही समझ नहीं पाता…..,
आखिर में एक ही बात समझ आई की जिंदगी में दो व्यक्ति “जीवन”को नई “दिशा” दे जाते है….एक वह जो “मौका” देता है…दूसरा वह जो “धोखा” देता है ….!
बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क ? है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!
?सुप्रभात ?
आपका दिन शुभ हो
विकास शर्मा'”शिवाया”
?जयपुर -राजस्थान ?