” ध्यान साधना “
ध्यान साधना एक आध्यात्मिक अभ्यास है जो मानसिक चंचलता को नियंत्रित करके मन को शांत, स्थिर और समरूप बनाने का उद्देश्य रखती है। यह एक आंतरिक योगिक तकनीक है जो हमें अपने अंतरंग स्वरूप की पहचान कराती है।
ध्यान साधना करने के लिए, हम एक शांत और न्यारा स्थान चुनते हैं जहां हम आराम से बैठ सकते हैं। उसके बाद, हम अपनी संशयों और चिंताओं को दूर रखते हुए मन को एक केंद्रीय ध्यान बिंदु पर स्थापित करते हैं। हम अपनी सांसों का ध्यान रखते हुए उन्हें धीरे-धीरे लंबा और समरूप बनाते हैं। यह हमारे मन को स्थिर और शांत करने में सहायता करता है।
ध्यान साधना करने से हम अपने मन की विचारों को संयमित करने और निरंतरता व गहराई की अनुभूति प्राप्त करते हैं। यह हमें मानसिक शक्ति, स्थिरता, और स्वास्थ्य में सुधार करता है। ध्यान साधना नई ऊर्जा का स्रोत होती है जो हमें जीवन के तनाव से निपटने में सहायता करती है। इसे नियमित रूप से प्रैक्टिस करने से हम आंतरिक शांति, समृद्धि और प्रगति को प्राप्त कर सकते हैं।
ध्यान साधना वास्तव में अपने अंतरंग जगत की खोज है और हमारे जीवन को आंतरिक आनंद, स्वस्थता और प्रकाश से परिपूर्ण बनाने में मदद करती है।
पुष्पराज फूलदास अनंत