ध्यान-शिविर मे
ध्यान-शिविर मे
नहीं लगेगा चित्त
रह-रह कर किसी बुझे मन की आह
एकाग्र नहीं होने देगा उसे
प्रवचन नहीं भुला पायेंगे
दुखाये हृदय की खरोंचे
कोई योगासन नहीं देंगे
देह-मन को शान्ति
किसी खंडित-सुख की ऊर्जा
हर क्षण तुम्हें घेरे रहेंगी
कहो,
ऐसे कैसे स्वीकार होंगी
तुम्हारी प्रार्थनाएँ…?