*ध्यान की मस्ती में खाली में 【मुक्तक 】*
ध्यान की मस्ती में खाली में 【मुक्तक 】
कहाँ तुलना है पूनम में ,अमावस रात काली में
कहाँ वह स्वाद होटल में ,मिला जो घर की थाली में
जगत की वस्तुओं के वह कहाँ संग्रह में सुख मिलता
जगत जो छोड़ मिलता ,ध्यान की मस्ती में खाली में
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451