धैर्य न खोना {मत्तगयंद सवैया छंद}
धैर्य न खोना {मत्तगयंद सवैया छंद}
कष्ट हजार मिले फिर भी तुम कातर भाव लिये मत रोना,
मान लिया विपदा गहरी पर बंधु सुनो तुम धैर्य न खोना,
और निखार लिए दमके चमके सुन पावक पाकर सोना,
है दुख भी सुख भी तुम मानव होकर लेश निराश न होना।
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 18/11/2020