Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2022 · 1 min read

‘धूप-छाँव का सफ़र’

जिन्दगी का सफर जिस राह से होकर गुजरता है,
कभी धूप तो कभी छाँव की सीढ़ी पर चढ़ता उतरता है।
तपता लोहार की धौंकनी में कभी ,
कभी चाँदनी की नौका में विचरता है।
स्वप्न घने बुन लेता ताने बाने के घेरों में,
फिर धागों में उसके उलझता सुलझता है।
अपनों के नेह में लिपट-लिपटकर, बार-बार गलता-पिघलता है,
तन छालों से छलनी बन जाता तो, रोता हुआ निकलता है।

-गोदाम्बरी नेगी

Language: Hindi
1 Like · 180 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एक सत्य यह भी
एक सत्य यह भी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
ख़ैर कुछ और दिन लगेंगे तुमसे कुछ कहने को,
ख़ैर कुछ और दिन लगेंगे तुमसे कुछ कहने को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वाल्मिकी का अन्याय
वाल्मिकी का अन्याय
Manju Singh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
हृद् कामना ....
हृद् कामना ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
*मां*
*मां*
Dr. Priya Gupta
4209💐 *पूर्णिका* 💐
4209💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी में एक रात ऐसे भी आएगी जिसका कभी सुबह नहीं होगा ll
जिंदगी में एक रात ऐसे भी आएगी जिसका कभी सुबह नहीं होगा ll
Ranjeet kumar patre
हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🎉 🎉
हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🎉 🎉
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
नलिनी छंद /भ्रमरावली छंद
नलिनी छंद /भ्रमरावली छंद
Subhash Singhai
राखी की यह डोर।
राखी की यह डोर।
Anil Mishra Prahari
रूठी साली तो उनको मनाना पड़ा।
रूठी साली तो उनको मनाना पड़ा।
सत्य कुमार प्रेमी
भारत में धार्मिक राजनीति प्रबल है यहां मंदिर और मस्जिद का नि
भारत में धार्मिक राजनीति प्रबल है यहां मंदिर और मस्जिद का नि
Rj Anand Prajapati
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारुपेण संस्थिता
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारुपेण संस्थिता
Sandeep Kumar
इंसान की बुद्धि पशु से भी बदत्तर है
इंसान की बुद्धि पशु से भी बदत्तर है
gurudeenverma198
दो दिन की जिंदगी है अपना बना ले कोई।
दो दिन की जिंदगी है अपना बना ले कोई।
Phool gufran
एकमात्र सहारा
एकमात्र सहारा
Mahender Singh
*आजादी की राखी*
*आजादी की राखी*
Shashi kala vyas
🙅मूर्ख मीडिया की देन🙅
🙅मूर्ख मीडिया की देन🙅
*प्रणय*
जाने कितनी बार गढ़ी मूर्ति तेरी
जाने कितनी बार गढ़ी मूर्ति तेरी
Saraswati Bajpai
पुस्तक तो पुस्तक रहा, पाठक हुए महान।
पुस्तक तो पुस्तक रहा, पाठक हुए महान।
Manoj Mahato
गये ज़माने की यादें
गये ज़माने की यादें
Shaily
कारगिल युद्ध के समय की कविता
कारगिल युद्ध के समय की कविता
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
*वर्तमान पल भर में ही, गुजरा अतीत बन जाता है (हिंदी गजल)*
*वर्तमान पल भर में ही, गुजरा अतीत बन जाता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
शिक्षा और संस्कार जीवंत जीवन के
शिक्षा और संस्कार जीवंत जीवन के
Neelam Sharma
#हौंसले
#हौंसले
पूर्वार्थ
79kingpress
79kingpress
79kingpress
# विचार
# विचार
DrLakshman Jha Parimal
"राग की आग"
Dr. Kishan tandon kranti
हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ|
हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ|
Vedha Singh
Loading...