“धुआं “लोग
किसी का दोस्त होना भी
इल्जाम होता है , कोई समझे तुमको गलत (बुरा) हाल होता है,
कोई तोड़ दे वर्षों की दोस्ती तो समझो.आंखो मैं चुभने बाले धुएं को उड़ाना बेहतर होता है ।
– आशीष गुर्जर
किसी का दोस्त होना भी
इल्जाम होता है , कोई समझे तुमको गलत (बुरा) हाल होता है,
कोई तोड़ दे वर्षों की दोस्ती तो समझो.आंखो मैं चुभने बाले धुएं को उड़ाना बेहतर होता है ।
– आशीष गुर्जर