धुंध इतनी की खुद के
धुंध इतनी की खुद के
हाथ नज़र नहीं आते
बेवफ़ाई ने उनकी
भरी धुंध इतनी
ज़िन्दगी में मेरी
मेरी जिंदगी ही
नज़र आती नहीं
………. अतुल “कृष्ण”
धुंध इतनी की खुद के
हाथ नज़र नहीं आते
बेवफ़ाई ने उनकी
भरी धुंध इतनी
ज़िन्दगी में मेरी
मेरी जिंदगी ही
नज़र आती नहीं
………. अतुल “कृष्ण”