धीरे-धीरे तुम बढ़ चलो आसमां पे।
धीरे-धीरे तुम बढ़ चलो आसमां पे,
प्यार के संग चल चलो दिल की राह पे,
खुशी उनकी भी बढ़ चलें हौले-हौले से,
चेहरा आँखों में बस जाए सपनो में जैसे,
धीरे-धीरे तुम बढ़ चलो आसमां पे।….।1।
हाथोंं-हाथों में डाल हाथ कुछ पल को,
यादो में तो भीगा लो अब अपने मन को,
बातों-बातों में प्यार तुम जता दो हमको,
आहिस्ता-आहिस्ता दिल में बसा लो हमको,
धीरे-धीरे तुम बढ़ चलो आसमां पे।…।2।
सावन आया है डोले मेरे तन बदन में,
ढूंँढे तुझको इधर-उधर ये नैना मेरे,
खोयी-खोयी सी हूँ अपने सजन में,
रातो-रातो में हो जाए मिलन अपने,
धीरे-धीरे तुम बढ़ चलो आसमां पे।….।3।
रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।